*हम हिंदू नव वर्ष मनाएंगे… हम युग बदलेंगे*
विक्रम संवत 2079 की शुभकामनाएं
– चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के प्रथम दिन से हिंदुओं का नया वर्ष मनाया जाता है
– हिंदू नव वर्ष, पश्चिम में मनाए जा रहे नए साल की तरह रात के अंधेरे में नहीं बल्कि सूरज की पहली किरण के साथ आता है
– हिंदुओं के नए साल के आने की खबर कैलेंडर नहीं प्रकृति से मिलती है । पुराने पीले पत्ते पेड़ से झड़ जाते हैं। नयी कोपलें फूटती हैं। प्रकृति अपने श्रृंगार की प्रक्रिया में होती है। लाल, पीले, नीले, गुलाबी फूल खिलते हैं ।
– मान्यता है कि परमपिता ब्रह्मा ने चैत्र प्रतिप्रदा के दिन ही दुनिया बनाई ।
ब्रह्म पुराण का श्लोक-
चैत्र मासे जगद्ब्रह्म समग्रे प्रथमेऽनि
शुक्ल पक्षे समग्रे तु सदा सूर्योदये सति-
अर्थात – ब्रह्म पुराण में वर्णित इस श्लोक के मुताबिक चैत्र मास के प्रथम दिन प्रथम सूर्योदय पर ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। इसी दिन से संवत्सर की शुरूआत होती है।
– भगवान राम का राज्यभिषेक इसी दिन हुआ था ।
– महाराज युधिष्ठिर भी इसी दिन राजसिंहासन पर बैठे ।
-सतयुग का आरंभ भी इसी दिन से हुआ था।
– माँ दुर्गा की उपासना का नवरात्र व्रत का प्रारंभ भी इसी दिन से होता है
– राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिवस भी यही है ।
– ईसाइयों के कैलेंडर में ये तय नहीं है कि सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण कब लगेंगे । लेकिन हमारे कैलेण्डर में इसकी भी गणना होती है क्योंकि हमारा हिंद कैलेंडर ज्यादा वैज्ञानिक है
-अंग्रेजों ने 1 जनवरी को नए साल पर मनाना शुरू किया जो हिंदू लोग इसके बाद भी अप्रैल में ही नया साल मनाते थे उनको चिढ़ाने के लिए अंग्रेजों ने अप्रैल फूल की अवधारणा पेश की ।
– इसीलिए… हम हिंदू नव वर्ष मनाएंगे… हम युग बदलेंगे
धन्यवाद
शेयर